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Monday 22 January 2018

पद्मावत:- राजस्थान में बढ़ी 'पद्मावत' की मुश्किलें/राजपूत महिलाओं ने रोका सामूहिक 'जौहर', अब राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग

राजस्थान में बढ़ी 'पद्मावत' की मुश्किलें

जयपुर: राजस्थान में संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावत के रिलीज होने की परेशानियां खत्म नहीं हुई है|. राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दर्ज करने का निर्णय लिया है. राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फिल्म पर प्रतिबंध के निर्णय के विपक्ष मे पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि पुनर्विचार याचिका सोमवार (22 जनवरी) या मंगलवार (23 जनवरी) को दायर की जायेगी. उन्होंने याचिका को मजबूती देने के लिये करणी सेना को भी याचिका में आमंत्रित होने का आग्रह किया है.

चित्तौड़गढ़ में राजपूत महिलाओं ने निकाली स्वाभिमान रैली

भंसाली की विवादित फिल्म 'पद्मावत' पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर चित्तौडगढ में सैंकडों महिलाओं ने रविवार को जौहर स्वाभिमान रैली निकाली. रैली के दौरान कुछ महिलाओं ने हाथों में तलवारें थाम रखी थी. उन्होंने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के विरोध में और रानी पद्मावती के सम्मान में नारे लगाये. रैली चित्तौड किले के जौहर स्थल से शुरू हुई और करीब आठ किलोमीटर पर शहर में जौहर भवन पर समाप्त हुई. इसमें अनेक युवा भी शामिल हुए.

रानी पद्मावती ने चित्तौड किले पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के दौरान आत्मसम्मान की रक्षा के लिये 16 हजार अन्य महिलाओं के साथ जौहर किया था. भंसाली की फिल्म रानी पद्मावती पर आधारित है और राजपूत संगठनों का आरोप है कि इसमें रानी पद्मावती के संबंध में गलत तथ्य पेश किये है तथा इतिहास के साथ छेडछाड की है. रैली के दौरान महिलाओं ने फिल्म पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने की मांग की है. करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह ने पूर्व राजघरानों से आग्रह किया है कि वे अपने अधीन स्मारक एवं किले फिल्म के प्रतिबंध होने तक पर्यटकों के लिये बंद रखे.  Padmavati News In Hindi

करणी सेना के नेताओं के साथ एक बैठक के बाद कटारिया ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय का अध्ययन करने के बाद सरकार ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि आमजन की भावनओं का ध्यान रखा जाये.

उन्होंने कहा कि आज (रविवार, 21 जनवरी) की बैठक में सेना के नेताओं को आमंत्रित किया गया था और उच्चतम न्यायालय में सरकार की ओर दायर की जाने याचिका को मजबूत करने लिये उन्हें भी पार्टी बनने का आग्रह किया गया था. करणी सेना के साथ साथ मेवाड़ के राज परिवार को भी याचिका का हिस्सा बन सकती है.


डिस्ट्रीब्यूटर नहीं खरीद रहे फिल्म

फिल्म वितरक राज बंसल ने बताया, ‘मैं फिल्म और फिल्म के वितरण के अधिकारों को नहीं खरीदूंगा, क्योंकि मैं 24 जनवरी को पारिवार के साथ देश से बाहर जा रहा हूं.’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निण्रय के बाद फिल्म को खरीदने और वितरण के अधिकार लिये जा सकते थे, लेकिन राजस्थान के लोगों की भावनाओं के दृष्टिगत उन्होंने फिल्म खरीदने की बजाय छुट्टियों पर जाने को प्राथमिकता दी है. एंटरटेंनमेंट पेराडाईज के प्रबंधक गोविन्द खंडेलवाल ने बताया कि यदि फिल्म वितरक फिल्म खरीदने के लिये तैयार नहीं होते तो फिल्म निर्माता फिल्म के प्रदर्शन के लिये सिनेमा घरों से सम्पर्क करते है लेकिन पद्मावत को लेकर असमंजस बरकरार है.

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राजमंदिर सिनेमा के प्रबंधक अशोक तंवर ने कहा जब वितरकों ने फिल्म के अधिकार नहीं खरीदे है तो फिल्म को परदे पर उतरने का को प्रश्न ही नहीं उठता. जो लोग फिल्म को परदे पर उतरने को लेकर हमसे पूछताछ कर रहें है, उन्हें हम बता रहें कि हमें फिल्म के परदे पर उतरने की उम्मीद नहीं है. राजस्थान में करीब 280 स्क्रीन है.

अब जनता सिनेमा घरों पर कर्फ्यू लगायेगीः कलवी

लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के सम्मान में हम देशव्यापी बंद का आयोजन नहीं करेंगे लेकिन अब जनता सिनेमा घरों पर कर्फ्यू लगायेगी.कालवी ने कहा कि ‘जनता कर्फ्यू’ के लिये फिल्म वितरकों, सिनेमा घरों के मालिकों, और जनता को आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड और केन्द्र सरकार अभी भी चलचित्र अधिनियम के तहत फिल्म पर प्रतिबंध लगा सकती है.उन्होंने कहा कि यह मामला केवल राजपूत समाज का नहीं बल्कि फिल्म को लेकर पूरे देश के लोगों में असंतोष है. लोगों की भावनाएं आहत हुई है और सरकार को फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिये आगे आना चाहिए.उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हाल में बाडमेर आये थे और उन्होंने अपने भाषण में कई राजपूत विभूतियों का जिक्र किया लेकिन उन्होंने रानी पद्मावती का जिक्र नहीं किया.

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